रफेल सौदे पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद राहुल गांधी जी को चुनावी परिणामों के मध्य आईना दिखाती नई कविता
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चौकीदार चोर बतलाया
गला फाड़ कर चिल्लाए,
चोर-चोर कहते कहते
तुम तीन प्रदेश जीत लाये ।
मूरख जनता बहकावे में
साथ तुम्हारे चल बैठी,
कुछ जनता नोटा के
चक्कर में खुद को ही छल बैठी ।
60 साल का लुटा कृषक
बस 4 साल में टूट गया,
गुस्सा सारे नेताओ का
भाजप्पा पर फूट गया ।
तुम रफेल और बस रफेल
पर भाषण देकर सिद्ध हुए,
घायल तन पर चोंच मारते,
अवसरवादी गिद्ध हुए ।
तुक्का लगकर जीत गए हो
भली तुम्हारी राम करे,
बकरे की माँ कब तक
खैर मनाकर के आराम करे ।
धीरे-धीरे रहो देखते
परतें सब खुल जाएगी,
एक साल के अंदर ही
सबकी आंखे सब खुल जायेंगी ।
रिहा जमानत पर जो राहुल
हरिश्चन्द्र का पौत्र हुआ,
दादा शुद्ध पारसी जिनका
बामन उनका गोत्र हुआ ।
छद्म विरासत वाले
सच्चाई कमज़ोर बताते हो,
लूट पचाकर पले हुए
मोदी को चोर बताते हो ।
न्यायालय उच्चतम तुम्हारे
सारे भांडे फोड़ गया,
और तुम्हारी ठगी कथाओं
में इक पन्ना जोड़ गया ।
पांच साल में इक रफेल का
घोटाला ही पकड़ सके,
और इसी का मुद्दा लेकर
मोदी पर तुम अकड़ सके ।
न्यायालय ने दूध - दूध,
पानी का पानी कर डाला,
सौदा शुद्ध रफेल हुआ
शुचिता का सानी कर डाला ।
अब राहुल चुल्लू भर पानी
ले लो उसमें डूब मरो,
इक त्यागी को चोर बताया,
शर्म बची हो तो शर्म करो ।
बकते जाओ, मोदी को
शिकवा है नही बकैतों से,
भारत माँ का सच्चा सेवक
डरता नही डकैतों से ।
मैं लेखन की सच्चाई का
छोटा सा परवाना हूँ,
भाजप्पा का भक्त नही हूँ,
मोदी का दीवाना हूँ ।
ईमानों पर तंज कसोगे
कमर तुम्हारी तोड़ेगी,
मोदी को बदनाम करोगे,
कलम न तुमको छोड़ेगी ।
जिनकी रक्त धमनियों में ही
रक्त मिला है गोरों का,
वंश लुटेरों का है उनका,
पूरा कुनबा चोरों का ।
🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩
(मोदी पर विश्वास करने वाला हर व्यक्ति इस कविता का करोङो लोगों तक पहुचाने का काम करे, बिना कांट-छांट के)
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चौकीदार चोर बतलाया
गला फाड़ कर चिल्लाए,
चोर-चोर कहते कहते
तुम तीन प्रदेश जीत लाये ।
मूरख जनता बहकावे में
साथ तुम्हारे चल बैठी,
कुछ जनता नोटा के
चक्कर में खुद को ही छल बैठी ।
60 साल का लुटा कृषक
बस 4 साल में टूट गया,
गुस्सा सारे नेताओ का
भाजप्पा पर फूट गया ।
तुम रफेल और बस रफेल
पर भाषण देकर सिद्ध हुए,
घायल तन पर चोंच मारते,
अवसरवादी गिद्ध हुए ।
तुक्का लगकर जीत गए हो
भली तुम्हारी राम करे,
बकरे की माँ कब तक
खैर मनाकर के आराम करे ।
धीरे-धीरे रहो देखते
परतें सब खुल जाएगी,
एक साल के अंदर ही
सबकी आंखे सब खुल जायेंगी ।
रिहा जमानत पर जो राहुल
हरिश्चन्द्र का पौत्र हुआ,
दादा शुद्ध पारसी जिनका
बामन उनका गोत्र हुआ ।
छद्म विरासत वाले
सच्चाई कमज़ोर बताते हो,
लूट पचाकर पले हुए
मोदी को चोर बताते हो ।
न्यायालय उच्चतम तुम्हारे
सारे भांडे फोड़ गया,
और तुम्हारी ठगी कथाओं
में इक पन्ना जोड़ गया ।
पांच साल में इक रफेल का
घोटाला ही पकड़ सके,
और इसी का मुद्दा लेकर
मोदी पर तुम अकड़ सके ।
न्यायालय ने दूध - दूध,
पानी का पानी कर डाला,
सौदा शुद्ध रफेल हुआ
शुचिता का सानी कर डाला ।
अब राहुल चुल्लू भर पानी
ले लो उसमें डूब मरो,
इक त्यागी को चोर बताया,
शर्म बची हो तो शर्म करो ।
बकते जाओ, मोदी को
शिकवा है नही बकैतों से,
भारत माँ का सच्चा सेवक
डरता नही डकैतों से ।
मैं लेखन की सच्चाई का
छोटा सा परवाना हूँ,
भाजप्पा का भक्त नही हूँ,
मोदी का दीवाना हूँ ।
ईमानों पर तंज कसोगे
कमर तुम्हारी तोड़ेगी,
मोदी को बदनाम करोगे,
कलम न तुमको छोड़ेगी ।
जिनकी रक्त धमनियों में ही
रक्त मिला है गोरों का,
वंश लुटेरों का है उनका,
पूरा कुनबा चोरों का ।
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(मोदी पर विश्वास करने वाला हर व्यक्ति इस कविता का करोङो लोगों तक पहुचाने का काम करे, बिना कांट-छांट के)
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