अजय यादव कैम्पियरगंज गोरखपुर मेरा gmail.id -ajayy1510@gmail.com
बेहतर से बेहतर की तलाश करो; मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो; टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से; टूट जाये पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो
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